न्यू जर्सी। (प्रदेश केसरी) जाने-माने शास्त्रीय गायक पंडित जसराज नहीं रहे। उनका अमेरिका के न्यू जर्सी में सोमवार को निधन हो गया है। वह 90 वर्ष के थे। उनका जन्म 28 जनवरी 1930 को हुआ था। कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद से पंडित जसराज न्यूजर्सी में ही थे। उन्होंने आज सुबह आखिरी सांस ली।
पंडित जसराज के परिवार ने एक बयान में कहा, बहुत दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि संगीत मार्तंड पंडित जसराज जी का अमेरिका के न्यूजर्सी में अपने आवास पर आज सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
उन्होंने कहा, हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान कृष्ण स्वर्ग के द्वार पर उनका स्वागत करें जहां वह अपना पसंदीदा भजन 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' उन्हें समर्पित करें।
हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। आपकी प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद। बापूजी जय हो। इस साल जनवरी में अपना 90वां जन्मदिन मनाने वाले पंडित जसराज ने आखिरी प्रस्तुति नौ अप्रैल को हनुमान जयंती पर फेसबुक लाइव के जरिए वाराणसी के संकटमोचन हनुमान मंदिर के लिए दी थी।
जसराज भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायकों में से एक थे। जसराज का संबंध मेवाती घराने से रहा। जसराज जब चार वर्ष उम्र में थे तभी उनके पिता पण्डित मोतीराम का देहांत हो गया था और उनका पालन पोषण बड़े भाई पंडित मणिराम के संरक्षण में हुआ।
प. जसराज ने संगीत दुनिया में 80 वर्ष से अधिक बिताए और कई प्रमुख पुरस्कार प्राप्त किए। शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय स्वरों के उनके प्रदर्शनों को एल्बम और फिल्म साउंडट्रैक के रूप में भी बनाया गया है। जसराज ने भारत, कनाडा और अमेरिका में संगीत सिखाया है। उनके कुछ शिष्य नामी संगीतकार भी बने हैं।
अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने 11 नवंबर, 2006 को खोजे गए हीन ग्रह 2006 VP32 (संख्या -300128) को पंडित जसराज के सम्मान में 'पंडितजसराज' नाम दिया था।
पंडित जसराज के निधन के समाचार के बाद संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर उन्हें याद करते हुए लगातार श्रद्धांजलि दी जा रही है। अपने जीवनकाल में उन्होंने मेवाती घराने के 76 सुशिष्य तैयार किए। इनका जिक्र लेखक सुनील बुद्धिराजा की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक रसराज-जसराज में मिलता है।
उनकी पुत्री दुर्गा जसराज ने भी संगीत के साथ ही साथ टीवी के माध्यम से भी लोकप्रियता हासिल की।
पंडित जसराज के परिवार ने एक बयान में कहा, बहुत दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि संगीत मार्तंड पंडित जसराज जी का अमेरिका के न्यूजर्सी में अपने आवास पर आज सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
उन्होंने कहा, हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान कृष्ण स्वर्ग के द्वार पर उनका स्वागत करें जहां वह अपना पसंदीदा भजन 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' उन्हें समर्पित करें।
हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। आपकी प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद। बापूजी जय हो। इस साल जनवरी में अपना 90वां जन्मदिन मनाने वाले पंडित जसराज ने आखिरी प्रस्तुति नौ अप्रैल को हनुमान जयंती पर फेसबुक लाइव के जरिए वाराणसी के संकटमोचन हनुमान मंदिर के लिए दी थी।
खयाल गायकी के शीर्षस्थ गायक थे
मेवाती घराने के पंडित जसराज खयाल गायकी के शीर्षस्थ गायक थे। उनकी बन्दिशें अत्यधिक लोकप्रिय हैं। अमेरिका के न्यू जर्सी में भी उनका घर है। वहां उनका संगीत का विद्यालय भी चलता है।जसराज भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायकों में से एक थे। जसराज का संबंध मेवाती घराने से रहा। जसराज जब चार वर्ष उम्र में थे तभी उनके पिता पण्डित मोतीराम का देहांत हो गया था और उनका पालन पोषण बड़े भाई पंडित मणिराम के संरक्षण में हुआ।
प. जसराज ने संगीत दुनिया में 80 वर्ष से अधिक बिताए और कई प्रमुख पुरस्कार प्राप्त किए। शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय स्वरों के उनके प्रदर्शनों को एल्बम और फिल्म साउंडट्रैक के रूप में भी बनाया गया है। जसराज ने भारत, कनाडा और अमेरिका में संगीत सिखाया है। उनके कुछ शिष्य नामी संगीतकार भी बने हैं।
अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने 11 नवंबर, 2006 को खोजे गए हीन ग्रह 2006 VP32 (संख्या -300128) को पंडित जसराज के सम्मान में 'पंडितजसराज' नाम दिया था।
पंडित जसराज के निधन के समाचार के बाद संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर उन्हें याद करते हुए लगातार श्रद्धांजलि दी जा रही है। अपने जीवनकाल में उन्होंने मेवाती घराने के 76 सुशिष्य तैयार किए। इनका जिक्र लेखक सुनील बुद्धिराजा की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक रसराज-जसराज में मिलता है।
उनकी पुत्री दुर्गा जसराज ने भी संगीत के साथ ही साथ टीवी के माध्यम से भी लोकप्रियता हासिल की।
राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी ने जताया दुख
पंडित जसराज के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख जताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'संगीत किंवदंती और अद्वितीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का निधन ने मुझे दुखी किया है। पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित जसराज ने आठ दशकों से अधिक के केरियर को जीवंत करते हुए लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके परिवार, दोस्तों और संगीत के प्रति संवेदना।'शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'पंडित जसराज जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन से भारतीय सांस्कृतिक क्षेत्र में एक गहरा प्रभाव पड़ा है। न केवल उनकी प्रस्तुतियां उत्कृष्ट थीं, उन्होंने कई अन्य गायकों के लिए एक असाधारण गुरु के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ॐ शांति।'संगीत विभूति व अद्वितीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के निधन से दुख हुआ। पद्म विभूषण से सम्मानित पंडितजी ने आठ दशकों की अपनी संगीत यात्रा में लोगों को भावपूर्ण प्रस्तुतियों से आनंद विभोर किया। उनके परिवार, मित्रगण व संगीत-पारखी लोगों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं!— President of India (@rashtrapatibhvn) August 17, 2020
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, 'संगीत मार्तंड पंडित जसराज जी एक अविश्वसनीय कलाकार थे जिन्होंने अपनी जादुई आवाज से भारतीय शास्त्रीय संगीत को समृद्ध किया। उनका निधन व्यक्तिगत क्षति की तरह लगता है। वह अपनी निर्लज्ज रचनाओं के माध्यम से हमारे दिलों में हमेशा के लिए रहेंगे। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति संवेदना। ॐ शांति।'The unfortunate demise of Pandit Jasraj Ji leaves a deep void in the Indian cultural sphere. Not only were his renditions outstanding, he also made a mark as an exceptional mentor to several other vocalists. Condolences to his family and admirers worldwide. Om Shanti. pic.twitter.com/6bIgIoTOYB— Narendra Modi (@narendramodi) August 17, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शास्त्रीय गायक के निधन पर शोक व्यक्त किया है। राजनाथ ने ट्वीट कर कहा, 'सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के निधन से मुझे गहरा दुःख हुआ है। मेवाती घराना से जुड़े पंडितजी का संपूर्ण जीवन सुर साधना में बीता। सुरों के संसार को उन्होंने अपनी कला से नए शिखर दिए। उनके जाने से संगीत का बड़ा स्वर मौन हो गया है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें।'Sangeet Martand Pandit Jasraj ji was an incredible artist who enriched Indian classical music with his magical voice. His demise feels like a personal loss. He will remain in our hearts forever through his peerless creations. Condolences to his family and followers. Om Shanti— Amit Shah (@AmitShah) August 17, 2020
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर पंडित जसराज के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा, 'अपनी अनूठी आवाज और गायन से देश एवं दुनिया के संगीत प्रेमियों के हृदय में विशिष्ट स्थान रखने वाले पंडित जसराज के निधन के समाचार से स्तब्ध और दु:खी हूं। भारत भवन, भोपाल के ट्रस्टी के रूप में उनका मध्यप्रदेश से गहरा नाता है। यह रिश्ता अटूट है। आप सदैव हमारे दिलों में रहेंगे। ॐ शांति!'सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के निधन से मुझे गहरा दुःख हुआ है। मेवाती घराना से जुड़े पंडितजी का सम्पूर्ण जीवन सुर साधना में बीता। सुरों के संसार को उन्होंने अपनी कला से नए शिखर दिए। उनके जाने से संगीत का बड़ा स्वर मौन हो गया है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें।— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 17, 2020
पंडित जसराज जी के गायन में आध्यात्मिक आनंद और असीम ऊर्जा स्वत: ही अनुभूत होती थी। अद्भुत चेतना के साथ उम्र के इस पड़ाव पर भी वह सोत्साह संगीत की सेवा करते रहे, तो यह उनके वर्षों के तप और दैवीय शक्ति से ही संभव था। उनके चरणों में सादर प्रणाम! ॐ शांति!— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 17, 2020
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