गुना। (प्रदेश केसरी) पैरंट एसोसिएशन द्वारा लगातार जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिलाधीश को निजी विद्यालयों द्वारा की जा रही मनमानी के लिए अवगत कराया गया है। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन एवं जिला शिक्षा अधिकारी ना जाने किस दबाव में आकर शांत बैठे हुए हैं। प्रशासनिक उदासीनता के चलते स्कूल संचालकों के हौंसले बुलंद बने हुए हैं और इधर बच्चों के पैरेंट्स परेशान हो रहे हैं।
दरअसल हद तो तब हो गई जब ऑनलाइन क्लास के बाद ऑनलाइन एग्जाम लिए गए और क्राइस्ट स्कूल द्वारा ऑनलाइन एग्जाम के रिजल्ट के लिए पूरी की पूरी कक्षाओं के अभिभावकों को स्कूल बुलाया जा रहा है। साथ ही स्कूल में आने के पश्चात उनसे दबाव डालकर फीस की मांग की जा रही है। अभिभावकों से कहा जा रहा है यदि आपने फीस जमा नहीं की तो नवंबर में आयोजित होने वाले ऑनलाइन एग्जाम में आपके बच्चों को ना तो आईडी कार्ड दिया जाएगा और ना ही परीक्षा में बैठने दिया जाएगा। ऐसे में उनको फेल घोषित कर दिया जाएगा, इससे आपके बच्चे का साल खराब हो जाएगा। इतनी बात होने के बावजूद भी प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी चुप्पी साधकर बैठे हुए हैं। ऐसा नहीं है कि यह खबरें उनके कानों कान तक नहीं पहुंचती, क्योंकि उन्हें स्वयं शिकायती पत्र भी दिया जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि यह सारी बातें निरंतर सोशल मीडिया व मीडिया के माध्यम से उन तक पहुंच रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन की चुप्पी कहीं ना कहीं अभिभावकों का विश्वास खो रही है। अभी कुछ दिनों से लगातार क्राइस्ट स्कूल के टीचरों द्वारा फोन भी लगाए जा रहे हैं, अब उन्होंने नया तरीका अपना लिया है। लैंडलाइन पर वह महिलाओं को फोन लगा रहे हैं ताकि उन पर प्रेशर बनाया जा सके।
दरअसल हद तो तब हो गई जब ऑनलाइन क्लास के बाद ऑनलाइन एग्जाम लिए गए और क्राइस्ट स्कूल द्वारा ऑनलाइन एग्जाम के रिजल्ट के लिए पूरी की पूरी कक्षाओं के अभिभावकों को स्कूल बुलाया जा रहा है। साथ ही स्कूल में आने के पश्चात उनसे दबाव डालकर फीस की मांग की जा रही है। अभिभावकों से कहा जा रहा है यदि आपने फीस जमा नहीं की तो नवंबर में आयोजित होने वाले ऑनलाइन एग्जाम में आपके बच्चों को ना तो आईडी कार्ड दिया जाएगा और ना ही परीक्षा में बैठने दिया जाएगा। ऐसे में उनको फेल घोषित कर दिया जाएगा, इससे आपके बच्चे का साल खराब हो जाएगा। इतनी बात होने के बावजूद भी प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी चुप्पी साधकर बैठे हुए हैं। ऐसा नहीं है कि यह खबरें उनके कानों कान तक नहीं पहुंचती, क्योंकि उन्हें स्वयं शिकायती पत्र भी दिया जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि यह सारी बातें निरंतर सोशल मीडिया व मीडिया के माध्यम से उन तक पहुंच रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन की चुप्पी कहीं ना कहीं अभिभावकों का विश्वास खो रही है। अभी कुछ दिनों से लगातार क्राइस्ट स्कूल के टीचरों द्वारा फोन भी लगाए जा रहे हैं, अब उन्होंने नया तरीका अपना लिया है। लैंडलाइन पर वह महिलाओं को फोन लगा रहे हैं ताकि उन पर प्रेशर बनाया जा सके।
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